Bambai Meri Jaan : बंबई मेरी जान (Bambai Meri Jaan) दर्शकों को 1960 के दशक के बॉम्बे शहर में वापस ले जाती है मतलब यह वेब सीरीज 1960 के समय में दर्शकों को बताती और दिखाती नजर आती है कि उसे समय का मुंबई कैसा था। यह वेब सीरीज उस समय के मुम्बई का परिचय देती है जब गैंगवार, बंदूक और धोखे की दुनिया कैसी है। इसके मूल में एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी पिता और उसके गैंगस्टर बेटे के बीच का रिश्ता है। K.K Menon एक ईमानदार पुलिसकर्मी इस्माइल कादरी की भूमिका निभाते हैं, जिसे पता चलता है कि उसके बेटे दारा कादरी (अविनाश तिवारी) ने अपराध का रास्ता चुना है। पुलिसकर्मी कहते हैं, ''शहर साफ करते करते मेरा घर गंदा हो गया,'' वह इस बात पर अफसोस जताते हुए कहते हैं कि कैसे शहर की सफाई की प्रक्रिया ने उनके घर पर दाग लगा दिया है। यह वेब सीरीज आगे आने वाले वर्षों पर प्रकाश डालती है, जब बेटा एक शक्तिशाली गैंगस्टर में बदल जाता है।
कुल मिलाकर यह (Bambai Meri Jaan) एक रोचक कहानी है एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर और उसके गैंगस्टर बेटी को लेकर जिसमें पुलिस वाला या चाहता है कि शहर से गंदगी साफ हो और उसका बेटा एक तरफ गंदगी की दुनिया में कदम रख चुका होता है और इससे उसका पिता जो पुलिस है और एक ईमानदार छवि का व्यक्ति है उसे बेहद ही बुरा लगता है और बाकी की कहानी तो आपको देखने को मिल ही जाएगी तो हम अगर सब कुछ बता देंगे तो आपका मजा बिगड़ जाएगा।
Bambai Meri Jaan वेब सीरीज के बारे में -
शो (Bambai Meri Jaan) की आधिकारिक टैगलाइन में लिखा है, "बंबई मेरी जान गैंगस्टर दारा कादरी के जीवन को उसके पिता, एक पूर्व पुलिसकर्मी, इस्माइल कादरी की आंखों के माध्यम से दर्शाती है। इस सीज़न में, हम देखते हैं कि कैसे दारा अपने परिवार सहित सब कुछ दांव पर लगा देता है।" वह एक निर्दयी, निडर गैंगस्टर बन जाता है जो अपने व्यापारिक कौशल का उपयोग न केवल पुलिस और अपने प्रतिद्वंद्वियों से लड़ने के लिए करता है बल्कि रास्ते में अपने स्वयं के राक्षसों से भी लड़ने के लिए करता है। कुल मिलाकर यह वेब सीरीज देखने लायक है और जब आप इसको देखेंगे तो आपको कई चीज समझ में आएंगे जिसमें एक परिवार भी करता हुआ एक बेटा जो सही राह पर चलने के बजाय गलत राह पर चला जाता है उसे समय पिता के मन की हालत और उसके हालात तमाम चीज आपके यहां नज़र आएंगे।
Bambai Meri Jaan पर लोगों की क्या है प्रतिक्रिया -
ट्रेलर पर प्रतिक्रिया करते हुए, एक प्रशंसक ने टिप्पणी की, "के.के. मेनन भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे कम रेटिंग वाले "सुपरस्टार" हैं। विजय सेतुपति और के.के. मेनन जैसे अभिनेताओं को इतने बड़े प्रोजेक्ट और श्रेय मिलते हुए देखना बहुत अच्छा है, जिसके वे सही मायने में हकदार हैं, कम से कम वे भारतीय सिनेमा के एक खंड के तथाकथित "राजस" और "ब्रदर्स" से 100 गुना बेहतर हैं जो एक के बाद एक कचरा पैदा कर रहे हैं।" एक प्रशंसक ने लिखा, "आखिरकार अविनाश तिवारी को उनका हक मिल गया! (फायर इमोटिकॉन्स) शीर्ष अभिनेता बन रहे हैं..." एक टिप्पणी में लिखा है, "मुझे एक बार की याद दिलाता है..सुल्तान मिर्जा।" तमाम लोग इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देते नजर आते हैं कुछ को यह बेहद बेहतर समझ में आती है तो कुछ को औसत दर्जे की बाकी जो भी होगा हम समय पर आपको बताते ही रहेंगे।
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